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निगम द्वारा पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों, जो गरीबी रेखा के अथवा दोहरी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहें है, को व्यवसायिक, तकनीकी शिक्षण तथा प्रशिक्षण हेतु शैक्षिक ॠण प्रदान करने की योजना प्रारम्भ की गयी है जिसके अन्तर्गत भारत में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को अधिकतम रु0 10.00 लाख अथवा जो कम हो का ऋण प्रतिवर्ष 4 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर पर ॠण उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है तथा विदेश में अध्ययनरत छात्र/छात्रों को अधिकतम रु0- 20.00 लाख अथवा जो कम हो का ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर दिए जाने का प्राविधान है। शैक्षिक ऋण योजना के अंतर्गत अध्ययन लागत का ९० प्रतिशत अंश राष्ट्रीय निगम, ०५ प्रतिशत अंश राज्य निगम तथा शेष ०५ प्रतिशत अंश स्वयं छात्र/छात्राओं द्वारा वहन किये जाने का प्राविधान है।आवेदक/विद्यार्थी द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए0आई0सी0टी0ई0) अथवा भारतीय चिकित्सा परिषद जैसी भी स्थिति हो, के द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश प्राप्त होना आवश्यक है।
ॠण का पुनर्भुगतान कोर्स पूर्ण होने के 6 माह बाद अथवा सम्बन्धित विद्यार्थी द्वारा सेवा प्राप्त करने या स्व-रोजगार प्रारम्भ करने, जो पहले हो, से प्रारम्भ होगा। पुर्नभुगतान अवधि 5 वर्ष की होगी जो कि मासिक किश्तो मे होगी।
वित्तीय पद्धतिः
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम अंश | 90 प्रतिशत |
उ0प्र0 पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम अंश | 05 प्रतिशत |
लाभार्थी अंश | 05 प्रतिशत |