उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लि0 द्वारा संचालित योजनाओं से लाभ प्राप्त हेतु निम्नलिखित व्यक्ति पात्र होगें –
ऋण प्राप्त करने हेतु निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र प्रत्येक जनपद के जिला प्रबंधक कार्यालय अथवा निगम मुख्यालय से निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। ऋण हेतु आवेदन पत्र सम्बंधित जनपद के जिला प्रबंधक कार्यालय में जमा किया जा सकता है।
जाति एवं आय प्रमाण पत्र राजस्व विभाग के ऐसे अधिकारी जो तहसीलदार स्तर से कम न हो, द्वारा जारी किया गया ही मान्य होगा। यही अधिकारी सक्षम घोषित है।
निगम की योजना के अन्तर्गत लाभार्थी पहचान एवं चयन के कार्य हेतु जिलाधिकरी अथवा उनके द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता मे गठित चयन समिति मे किया जाता है। चयन समिति निम्न प्रकार है…
1- जिला अधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी अध्यक्ष
2- मण्डलीय उप निदेशक, पिछड़ा वर्ग कल्याण उपाध्यक्ष
3- निगम मुख्यालय द्वारा नामित एक गैर सरकारी सदस्य सदस्य
4- लीड बैंक अधिकारी सदस्य
5- जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य
6- अपर जिला विकास अधिकारी सदस्य
7- जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव
ऋण की अदायगी 60 बराबर किश्तो मे की जानी है। नियमित ऋण की अदायगी करने पर ब्याज मे 0.5 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी तथा नियमित भुगतान न करने पर 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से दण्ड ब्याज का भुगतान करना होगा।
लाभार्थी द्वारा ऋण का उपयोग यदि उस कार्य हेतु नही किया जाता है जिसके लिये ऋण लिया गया है तो ऋण की धनराशि पर 12 प्रतिशत की दर से ब्याज चार्ज किया जायेगा तथा बकाया धनराशि एक मुश्त बसूल की जायेगी।
ऋण ग्रहीता द्वारा ऋण का भुगतान न करने की दशा मे बकाया ऋण की बसूली उ0प्र0 लोकधन(देयों) की बसूली अधिनियम 1972 के अर्न्तगत सक्षम अधिकारी द्वारा बसूली प्रमाण पत्र(रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी कर दिये जाने का प्राविधान है।
निगम द्वारा संचालित टर्म लोन, न्यू स्वर्णिमा, महिला संवृद्धि योजना, सूक्ष्म क्रेडिट, विशलेषण व शैक्षिक ऋण योजना के अर्न्तगत परियोजना ऋण पर कोई अनुदान नही है।